अखिसके सम्पादकीय, राजनैतिक आन्दोलनके औचित्य

केवि चौधरी
हम्र २००७ साल पाछ हुइल सक्कु राजनैतिक आन्दोलनम सहभागी हुइली । कबु काँग्रेस्वा ट कबु कम्युनिष्ट । ज्या हुइलसे फे सक्कु आन्दोलनके आधार बनल थारु समुदाय । आन्दोलनम सहभागि हुइना, परिवर्तन लग्ना फे डोस्र ओस्टक ओस्ट रजैना । नीति निमय बनाइबेर पाछ पर्जैना । पह्रल लिखल अउर जे आपन आवश्यक्ता अनुसार नीति नियम बनाडर्ना समस्या डेख परल । याकर कार्यान्वयन म झन हमार पहुँच जो नि डेख्परल । राजनैतिक प्रतिनीधित्व रलसेफे कर्मचारीतन्त्र व पुलिस प्रशासनम नेतृत्व निरहलमार ध्यार समस्या डेखपरल हो । आउर बात जनस्तरम से जुन तहके बौद्धिकता ओ तार्किकता डेखैटि डबाब डिह पर्ना हो उ निडेख्परल अवस्था हो । डु चार फ्यारा भिर डेखाकेल हुइना अवस्था निहो । हम्र याकरलाग शैक्षिक आन्दोलनहँ महत्व डेख चलाई पर्ना जरुरी बा । कर्मचारीतन्त्र ओ सेना प्रहरीम सहभागिता ज्यादा बह्राइपर्ना जरुरी बा । ओत्रकेल नाही राजनैतिक आन्दोलनके विषयहँ बल्गरख सहयोग करक्लाग संचार क्षेत्रम व्यापक सहभागिताके आवश्यक्ता बा । समयक आवश्यक्ता बुझ्ख आपन बात निडरताके साथ वट्वाइसेक्ना जिटाइसेक्ना युवाके आवश्यक्ता बा । हम्र शैक्षिक गुणस्तरियता ओ आर्थिक उन्नयनके आन्दोलनहँ पहिला प्राथमिक्ता डेटि राजनैतिक आन्दोलन मार्फत थप उपलब्धी लिहकलाग आघ बह्रपर्ना जरुरी बा । उह फे मुल बात, मुल आवश्यक्ता सशक्त सामाजिक आन्दोलनके जो हो ।
जय गुर्वावा !
अग्रासन साप्ताहिकमसे

अग्रासन खबर

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