दाङकके पुराना थारु साँस्कृतिक संग्रहालय अलपत्र अवस्थाम बा । एक दशक आघ घोराही उपमहानगरपालिका १७, स्थित पनौराम स्थापना कैगिलक् थारु साँस्कृतिक सग्राहलय रेखदेख कर्ना मनैनिहोख अलपत्र अवस्थाम पर्लक् हो ।
संग्राहलय स्थापना हुइलक कुछ वर्षसम संचालनम अइलक् स्थायिहुक्र बटोइठ । जिल्लाम फेसे और संग्रालय बनल पाछ यी संग्रालयम बजेट निअइना व याकर व्यवस्थापनम खर्च निपुगाइसेक्लक ओर्से फे बन्द कर पर्लक् थारु कल्याणकारिणी सभा दाङ जनैल बा । यिह संग्राहलय व्यवस्थित करलकलाग यिह आर्थिक वर्षम तत्कालिन मुख्यमन्त्री शंकर पोख्रेलके सरकारसे करिब ८५ लाख बजेट विनियोजन करल रह ।
यिह बजेटले घोराही ८, स्थित सौरीम वृहत थारु साँस्कृतिक संग्राहलय, थारु महटावा घर लगायत बनैना मास्टर प्लान सहित बनैना तयारी रह चौधरी कल,- ‘ पाछक बनल सरकार खास कैख अखिसके ग्रामिण तथा पर्यटन मन्त्री डिल्लीबहादुर चौधरी हमार योजनाह असफल बनाइलाग उ विनियोजन करल बजेट कटौटी कैख आपन व्यक्तिगत संग्राहलय चखौराम बजेट डारल मार फे दाङके पुरान सँग्राहलय अलपत्रम पर्लक् हो ।’ पुरान संग्राहलयम थारु समुदायके मौलिक पहिचान भल्किैना मेरमेह्रिक सामग्री ढैगिल बा । माटी भोक्टी, मौलिक भेषभुषा, हर, जुवा छत्रि, माटिक डेहरी, कुठ्ली, भोक्टी, टिना चलैना, भात खोडर्ना कठ्वक ड्रवा, कर्छुल, खट्या, खटौली, ढक्या, भौकाभौकी, अठ्री, गोन्द्री, पटकी, भुट्वा ढैगिल बा ।
ओसहक दाङसे बुह्रान छारा हुइबेरीक झल्को डेना गरि कठ्वक मनै बनाख कुब्रीम लर्का, कपारम भौका, हाँतम ढक्या पक्रल जन्नि मनैह्के मुर्ति ओ बहिंगम मेरमेह्रिक सरसामन बोक्कलक पुरुषके मुर्ति बनाख ढैल बा ।