दंगीशरणम दुई डिन्या रैथाने खाना महोत्सव हुइना

दाङके दंगीशरणम दुई डिन्या रैथाने खाना महोत्सव हुइना हुइल बा ।

मटावाँ, बरघर, भलमन्सा महासङ्घके आयोजनाम दंगीशरण गाउँपालिका ३ स्थित चखौराम रलक थारू सांस्कृतिक सङ्ग्रहालयम माघ २६ व २७ गते दुई डिन्या अन्तर प्रदेशस्तरीय सांस्कृतिक तथा रैथाने खाना महोत्सव हुइलग्लक् हो ।

थारू भाषा, कला, संस्कृतिके संरक्षण र प्रवर्धन कर्ना उद्देश्यले दुई डिन्या महोत्सव आयोजना करलग्लके मटावाँ, बरघर, भलमन्सा महासङ्घके केन्द्रीय अध्यक्ष एवं लुम्बिनी प्रदेशके पूर्व मुख्यमन्त्री डिल्लीबहादुर चौधरी जनैल । ‘हमार संस्कृति, हमार सान, संस्कृति संरक्षणले बह्री देशके मान’ कना मूल नारासाथ आयोजना हुइ लग्लक महोत्सवके उदघाटन पूर्व प्रधानमन्त्री एवं नेपाली कांग्रेसके सभापति शेरबहादुर देउवा कर्ना बटोइल । महोत्सवम दाङ व नवलपरासीके थारू समुदायके बर्का नाच, कैलालीके मुङ्ग्रहवा व चितवनके लठहवा नाच प्रस्तुत हुइना अध्यक्ष चौधरी जनैल । अस्टक मघौटा, छोक्रा, हुर्डुंग्या लगायत चार दर्जनसे ढ्यार नाच प्रस्तुत हुइना उहा बटोइल ।

अस्टक महोत्सवम सांस्कृतिक प्रतियोगिता एवम् थारू लगायत विभिन्न जातजातिके रैथाने परिकारके प्रदर्शनी रहने बा । थारू परिकारम ढिक्री, अनदीे भात, रोटी, अनदीके झ्वार, सुरिक सिकार, मच्छिी, गेक्टा, घोङ घी, आलु व सिन्कीके अचार लगायत जनजातिहुकनके रैथाने परिकार बिक्री तथा वितरणक लाग ढैजिना उहाँ जनैल । ओस्टक थारू भाषाके विभिन्न पुस्तक, पत्रपत्रिका, थारू हस्तकला लगायत बिक्री तथा प्रदर्शनीके लाग ढैजिना अध्यक्ष चौधरी बटोइल । महोत्सवम उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रदर्शन कर्ना पहिला, ड्वासर व त्यासरह आकर्षक पुरस्कारक साथै सहभागी सक्कु सांस्कृतिक टोलीहन सान्त्वना पुरस्कार प्रदान कर्ना आयोजक जनैल बा । महोत्सवम लुम्बिनी प्रदेश, सुदूरपश्चिम प्रदेश, कर्णाली प्रदेश व गण्डकी प्रदेशके थारूहुकन्हक मौलिक भेषभुषासहितके उपस्थिति रहना महासङ्घके अध्यक्ष चौधरी जानकारी डेल ।

दुइदिनसम्म चल्ना महोत्सवम दाङ, बाँके, बर्दिया, कैलाली, कञ्चनपुर, सुर्खेत, रूपन्देही, नवलपरासी, कपिलबस्तु जिल्लाके एक हजारसे ढ्यार मटावाँ, बरघर, भलमन्सा, ककन्डवाहुकन्हक उपस्थिति रहन बा । कार्यक्रमम बरघर ऐन लगायत विषयम छलफल व महासङ्घके लौव नेतृत्व समेत चयन कर्ना उहाँ जनैल ।

अग्रासन खबर

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