शिक्षा राज्यके नियन्त्रणम आइपर्ठाः चौधरी

बिद्यालय व्यबस्थापन समितिके अध्यक्ष हुईलकम सबसे पहिल अप्नह बधाई बा ?
सबसे पहिल अप्न लगायत सक्कु पत्रिकाके परिवार हुकन ढन्यबाद बा । ओस्टक मही पदमोदय पब्लिक उच्च नमुना माध्यामिक बिद्यालयके अध्यक्षम चुन्लकम बिद्यालय ब्यबस्थापन समितिके सदस्यहुँक्र, अभिभावक, नेकपा एमाले पार्टीके सक्कु संगठन कमिटीहुक्रँ, प्रत्यक्ष ओ अप्रत्यक्ष रुपम सहयोग पुगैना सक्कु सरोकारवालाहुँकन फे ढेर ढेर ढन्यबाद डिह चहाटु ।

विकास चौधरी (अध्यक्ष), पद्मोेदय पब्लिक नमुना माध्यमिक विद्यालय व्यवस्थापन समिति

नेपालके सामुदायिक बिद्यालय के अवस्था ओ शिक्षाके गुणस्तर घट्टि गैलक अवस्था बा, याकर लाग कसिन मेरिक एजेन्डा आघ सर्ल बाटी ?
राज्यसे लागु हुईल शिक्षाप्रतिके नीति ओ ब्यबहारके कारण सामुदायिक बिद्यालयम शिक्षाके स्तर घट्लक अवस्था जो हो । अक्खन सामुदायिक बिद्यालय सक्कु पार्टीके राजनीति कर्ना ठाउँ बनल बा । सामुदायिक बिद्यालयम पह्रैना मस्ट¥वा ओ कर्मचारी हुँक्र फे आपन छाई छावन निजि विद्यालयम पह्रैटी बाट ।
उहमार फे सामुदायिक विद्यालयप्रतिके विश्वास फे घटल बा । म्वार बुझाईम जबसम सामुदायिक विद्यालयम राजनीति हुई, सरकारी सेवाम आबद्ध कर्मचारी ओ मस्ट¥वा आपन लर्का पर्कन सामुदायिक विद्यालय निपह्रैही टबसम समस्या समाधान हुई निसेकी । ओस्टक मजा पह्रैना शिक्षक पुरस्कृत हुई निसेक्ना, ज्याकर सोर्सफोर्स बा हुँकनके बिद्यालयम बोलबाला हुईना अक्खनके अवस्था बा । मस्ट¥वाहुँक्र बिद्यालयम नियमित उपस्थित निहुईना, अ‍ैलसेफे कक्षाम निजैना, कक्षाम जाके मजासे निपह्रैना जबफे नेताके आघपाछ घुम्नाहुँक्र केल पुरस्कृत हुईना प्रबृति बह्रल बा । उहमार सामुदायिक विद्यालयम अलिक बल्गर रुपम आंचार संहिता लागु कैख पुरस्कार ओ सजायके नीति अबलम्बन करपर्ना जरुरी बा । मस्ट¥वा हुकन शिक्षाके विषयम उत्प्रेरणा जगाई पर्ना जरुरी बा । पदमोदय पब्लिक उच्च नमुना माध्यामिक बिद्यालयहह और बिद्यालयसे तुलना कर निमिलट, यी बिद्यालय ढेर बातम फरक बा । मस्ट¥वाहुँक्र दक्ष, सोचाईके स्तर, पह्रैना तरिका फे मजा रलक अवस्था बाटन् । ढेर मस्ट¥वाहुक्र तालिम लिहल बाट । बिद्यालयके स्रोत साधन, प्रयोगशाला, लाइबेरी लगाके सक्कु विषयम बिद्यालय आघ बा । यी बिद्यालयम रहल अक्खनके बल्गर पक्ष, सुधार करपर्ना पक्ष ओ अवसर पहिचान कैख मस्ट¥वा, अविभावक, बिद्यालय ब्यबस्थापन समिति, शिक्षक अविभावक समितिके सलहो प्रयासम अल्पकालिन ओ दिर्घकालिन योजना लानपर्ना जरुरी बा । सहभागितामुलक बिद्यालय सुधार योजनालान्के कार्यान्वयन करपर्ना जरुरी बा । मस्ट¥वाहुकनके सुझाव सुन्ना, बिद्यार्थिके गुनासो ओ सुझाव सुन्ना, अविभावकके गुनासो ओ सुझाव सुन्ना संयन्त्र बनाईपर्ना बा ।
यी सक्कुनके सल्लाह सुझाव अनुसार बिद्यालयके दैनिक प्रशासनके काम ओ पठनपाठनके काम उत्कृष्ट बनाइपर्ना बा । एक्कले प्रयाससे नाही सक्कु मस्ट¥वा, कर्मचारी, बिद्यालय ब्यबस्थापन समिति ओ अविभावकके सलहो प्रयासम केल बिद्यालयह मजा बनाई सेक्जाइ कना म्वार बुझाई हो । यी बिद्यालयह मैया कर्ना सक्कु जहनके साझा सपना, साझा प्रतिबद्धता, साझा योजना ओ सलहो कार्यान्वयनसे बिद्यालयह स्वाचल असक मजा ओ गुल्जार बनाई सेक्जाई ।

अप्न आघ सर्लक एजेन्डा सम्बोधन हुईनाम कत्रा बिस्वस्त बाटी ?
बिद्यालयके बस्तु स्थिति बिना बुझ्ल अन्लक एजेण्डा, जबरजस्टी लाडगैलक एजेण्डा कबु फे काम निलागठ । बिद्यालयमुखी, मस्ट¥वामुखी, अभिभावक ओ बिद्यार्थिमुखी एजेण्डा, सक्कु सरोकारवाला हुकनके अर्थपुर्ण सहभागिताम बनैलक एजेण्डाकेल सफल हुईट कनाम मै विस्वास कर्ठु । उहमार विद्यालय व्यवस्थापन समितिके अध्यक्षके हैसियतले म्वार डेखलक सपना ओ योजना आघ बह्री, विद्यालयके सवाल समाधान हुई ओ गुणस्तरीय शिक्षाम कौनो मेरीक सम्झौता हुई निसेकी कना हो ।

आवक अवस्थाम अविभाबक हुकनके लगाब बोर्डिंङ स्कुल ओर बटन दोष क्याकर हो ?
बोर्डिङ प्रतिके लगाव पहिलसे घट्ना स्थितिम बा । हमार बिद्यालयम केल निहोक और बिद्यालयम फेन बोर्डिङ्ग छोर्क सामुदायिक विद्यालयम अ‍ैनाक्रम बह्र्रटी बा । सरकारी कर्मचारी ओ मस्ट¥वाहुक्र आपन छाई छावन सामुदायिक बिद्यालयम पह्राई पर्ना योजना अन्टिकी सामुदायिक बिद्यालयके स्तर दुई सय गुणा बह्रने बा । शिक्षाह निजिकरण कर निहुइल । सरकारी बिद्यालयम गरिवके लर्कापर्का पहर्ना हो, प्राइभेट बिद्यालयम धनिके लर्कापर्का पहर्ना हो कना जुन मान्यता स्थापित हुइल बा ओसिन मेरीक मान्यताह राज्यसे हटाईपर्ना जरुरी बा । सरकारी बिद्यालयम आपन छाई छावनक नाँउ लिखैलक अभिभावकहुँक्र म्वार छाई छावा बिद्यालयम नियमित अ‍ैठ कि नाँहि ? पह्राई लिखाइ कसिन बाटन ? मस्ट¥वाहुक्र मजासे पहै्रठ कि नाहि ? कना प्रश्न केल पुच्छलसे शिक्षाके गुणस्तर बहर्ना ओ मस्ट¥वा, बिद्यालय ब्यबस्थापन समिति फे सजक हुईना अवस्था श्रृजना हुईने रह ।

सामुदायिक बिद्यालयम राजनीति ढेर हुइना कारण से निजि क्षेत्रके शिक्षा प्राथमिकता पैलक हो ?
उह केल निहो । अविभावकके फे कमजोरी डेखपरठ । यदि उह अविभाबक आपन छाई छावनके नाँउ बोर्डिङम लिखैलसे फे छाई छावा स्कुल गैल कि नाहि ? मिन्हि का लैगिल ? होमवर्क करल कि नाँहि ? लुगाफुहर बा कि सफा बाटिन ? कना बात जच्ठ । उह बात सामुदायिक विद्यालयम अध्ययन कर्ना विद्यार्थी हुकनके अविभावकहुक्र जच्लसे केल हुकनके शिक्षाम सुधार अ‍ैने रह । ओस्टक अक्खन अंग्रेजीे माहोल श्रृजना हुईल बा । जे अंग्रेजी ब्वाल जानल उह विद्यार्थी ढेर जन्नाहा बा कना हमार समाजम मानसिकता स्थापित हुईल बा । अंग्रेजी ढेर जानक लाग ओ झट्ट जागिर पैना ल्वाभले फे अविभावकहुक्र आपन छाई छावन निजी विद्यालयम भर्ना कर्ठ । वास्तवम पह्राईह गुणस्तरीयता कायम कर्ना ओ सामुदायिक विद्यालय ओर विस्वास बहाईलाग फे सक्कु अविभावकहुक्र ध्यान डिहपर्ना जरुरी बा ।

सामुदायिक बिद्यालयके शिक्षा क्षेत्रके विकास कर्ना मूल एजेन्डा कहो ?
राज्यसे शिक्षा क्षेत्रम लगानी ढेर बा । टफे लगानी अनुसारके नियमन हुई स्याकल अवस्था निहो । अविभावकहुँक्र फे अलिक सचेत होक बिद्यालयके पठनपाठनके स्थिति ? लर्कापर्का बिद्यालय गैलक निगैलक अबस्था, मस्ट¥वाहुकनके पह्राईके तौर तरिकाके नियमन ओ खबरदारी करपर्ना जरुरी बा । समय अनुसार शिक्षकहुकन क्षमता बिकासके तालिम डिहपर्ना जरुरी बा । बिद्यार्थि संगठनहुँक्र राजनितिसे बाहर उठ्कन शिक्षाके गुणस्तरके बिषयम आवाज उठाई पर्ना जरुरी बा । सरकारी बिद्यालयम अध्ययन कर्लक बिद्यार्थीहुकन सरकारी जागिरम प्राथमिकता, बिभिन्न बिषयके पह्राईम छात्रबृत्ति ओ प्रवेशिका परिक्षाके रिजल्टम अखिन पैटिरलक नम्बरके डोब्बर नम्बर डेना ब्यबस्था कर सेक्जाई कलसे सरकारी बिद्यालय अविभाबकके पहिला रोजाई बन सेकी ।

अन्तम कुछ कना बाकी ?
शिक्षा ओ स्वास्थ्य क्षेत्र राज्यके नियन्त्रणम आइपर्ठा । सक्कु नागरिक हुकनके लर्कापर्का चाहे उ महलम बैस्ना हुईट वा झोप्रीम शिक्षा ओ स्वास्थ्यके बिषयम रहल अक्खनके बिभेद अन्त्य करपर्ठा । शिक्षा ओ स्वास्थ्यम समान पँहुच हुइलसेकेल सामाजिक न्याय हुई सेकी ।

प्रस्तुतिः नविन चौधरी

अग्रासन खबर

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