घोराही, २४ भदौं । थारु समुदायके बड्का अट्वारी असौंक बर्ष यिह भदौ २७ गते परल बा । अष्टिम्की पाछके ड्वासर अट्वार अर्थात कुशे औंसीके पाछकके अट्वारक् डिन्वा अट्वारी मनैना प्रचलन हुइलक् ओर्से असौंक अट्वारी भदौ २७ गते पर्लक् थारु अगुवाहुक्र जानकारी डेल बाट ।
ओस्टक थारु समुदायक साझा संस्था थारु कल्याणकारीणी सभा दाङ फे यी बर्षके अट्वारी भदौ २७ गते पर्लक् जनैल बा । सभाके अध्यक्ष भुवन चौधरी एक विज्ञप्ती जारी कैख सरकारी तथा गैह्रसरकारी निकायसे प्रकाशित भित्तेपात्रोम अट्वारी के तिथी सम्वन्धम उल्लेख निहुलक् कारण यी बर्षके अट्वारी कैह्या कना विषयम दुविधा परसेक्ठा तर, महटावा, गुरुवा, देशवन्ढ्या गुरुवा, तथा थारु संस्कृतविदहुकनसे कचेहरी करबेर धार्मिक तथा सांस्कृतिक मान्यता अनुसार यी वर्षको अट्वारी भदौ २७ गते पर्लक् जानकारी डेल ।
यिह विच थारु कल्याणकारिणी सभा दाङसे अट्वारी विदाके लाग जिल्ला प्रशासन कार्यालय दाङमार्फत मुख्यमन्त्री तथा मन्त्रीपरिषदके कार्यालय लुम्विनी प्रदेश बुटवलम चिठ्ठी पठैल बा । गैइलवर्षठसे लुम्विनी प्रदेश सरकारसे अट्वारीम विदा डेना कर्टि अइलक् आर्से असौंक वर्ष यिह भदौ २७ गते अट्वारी पर्लक ओर्से उह डिनवा सावर्जनिक विदाके सूचना जारी कैडिहक्लाग सभासे अर्जि कैल हो । थारु समुदायसे प्राचिनकाल ठेसे ‘अट्वारी’ पर्व मर्नटि अइलक् थारु अगुवाहुक्र जनैलबाट । खासकैख यी पर्व लुम्विनी प्रदेशके दाङ, बाँके, बर्दिया, कपिलवस्तु, सूदुरपश्मिच प्रदेशम कैलाली ओ कञ्चनपुर ओ कर्णाली प्रदेश के सुर्खेत जिल्लाम भव्यताक साथ उल्लासमय वातावरणम मनैटि आइलबाट ।