लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्थाम थारुन्हक् सहभागिता

 

संविधानसे डिहल अधिकार ह प्रभावकारी रुपम उपयोग कैख कार्यान्वयन करकलाग स्थानियतह नागरीक समाजह सहभागितात्मक हिसाबले समावेश कराईपर्ना जरुर बा । राज्यक हरेक श्रोत ओ कानुन, नीतिनिर्माण प्रकृया म थारुन्हक फे उल्लेख्य सहभागिता अक्खनके आवश्यकता हो ।

 

नविन चौधरी

नेपालके संविधान २०७२ जारी हुइलपाछ, देश समृद्धि ओ विकास के डगरम नेङटी बा । लौव संघिय संरचना अनुसार ३ तहके सरकार (प्रदेश, संघ ओ स्थानिय) निर्माणफे होरहल । टिन्यौ सरकारके अधिकार फे बाँडफाँड हुइल । देशके संघिय संरचना ओ संविधान सभाके चुनावपाछ यी देशके हरेक नागरिक विकासके आशाकर्लक् अवस्था फे हो । नेपालके संविधान २०७२ अनुसार नेपाल म बैस्ना हरेक जातजातिन्के हक, अधिकार ओ जिम्मेवारीके बात स्पष्ट रुपम लिखिल बा । संविधानके विषय म कौनो पार्टी, व्यक्तिन्हक असन्टुष्टी रलसे फे सक्कु जनतायी संविधानह मानस्याकल बाट । यीह अनुरुप देश संघिय संरचनाम जाक समृद्धिक लाग ओ विकासके सिमफोर्ना प्रयास म बा । संघीय, प्रदेश व स्थानीय तहकको चुनाव हुइलक् फे करिब चार बरस हो स्याकल बा । यी बिच म ३ तहके सरकार म कौन सरकारह मन्ना, ओ सरकार कसिक सञ्चालन कर्ना ? कना बात म ढेर अलमल फे हुइल । सरकार सञ्चालनके लागकानुन, निति, निर्देशिका निर्माणकर्ना बात फे ढिउरन्हक महत्वपुर्ण ओ चुनौतिपुर्ण देखपरल । उह फे विकास म कौनो बाधा निआन्ख तिन्यौ सरकार आपनदिशा म लग्टी रलक अवस्थाहम्र देख्ली । अधिकार बाँडफाँडपाछ आपन–आपन कानुन, नीति बनाइपर्ना ओर्से संविधान म उल्लेख हुइलक मेर–मेह्रिक बुदाँ म टेक्ख प्रदेश सरकार ओ स्थानिय सरकार कानुन बनैना ओ नितिनिर्माण कर्ना कामह आघ बह्रैल ओ बह्रैटीबाट । अख्खन नेपालके संविधानतह १ ठो संघिय सरकार ओ ७ ठो प्रदेशके व्यवस्था हुइल बा । लौव संघिय संरचना बमोजिम ७५३ ठो स्थानिय सरकार म ४६० ठो गाउँपालिका, २९३ ठो नगरपालिका, ६७४३ ठो वडा ओ ७७ ठो जिल्ला सभा रहल बा । असिकदेशके संघिय संरचना म कुन ठाउँम राजधानी बनैनाकना बात फे लगभग ओरास्याकल बा ।

संविधान सभाके चुनाव म ढिउर थारुन्हक सहभागिता देख परल, टफे उहि म कौनो जन्ह जित्ल ट कौनो ज हारस्विकार कर पर्लन । संघिय सरकार ठेसे लेक प्रदेश, स्थानियतह हुइटी वडा स्तरसम्मके अवस्था हेर्ना हो कलसे थारुन्हक उपस्थितीकम रलसेफे सहभागिता न्युन चाही निहो । नेतृत्वपंक्ति म गोटिग्वाटा थारुकेल बाट । उहओर्से थारुन्हक विकास जात्तिसे कर्ना हो कलसे मुलधार म थारुन्हक सहभागिता हुईपर्ना आवश्यकता डेखपर्ठा । म्वार बुझाई म संघिय सरकार कलक हरेक हिसाबले पाछ परल, उत्पीडित जातजाति, सिमान्तकृत, हरुवा, चरुवा, कमैया, कम्लहरी लगायत समग्र नेपाल म बसोबास कर्ना नेपालीन्के उत्थान के लागहो । उहमार सहभागिता महत्वपुर्ण बात हो । थारु समुदाय पाछपर्लक विषय म ढेर बहस, अन्र्तक्रिया ओ कार्यक्रम कैजाइठ, उह फे कौनो परिर्वतन देख परल निहो । संस्कृति संरक्षण ओ विकास के बात म फे ढेन्हक बहस हुइठ, उपलब्धी जुन्हुक शुन्य बा । थारुन्हक नाउ म ढिउरन्हक थारु संघ, संस्थाहुक्र हक ओ अधिकार के लराई लर्टी बाट, जस्तकीः थारु कल्याण कारणी सभा, थारु विद्यार्थी समाज, यी संघँसंस्था एकठो कौनो फे राजनितिक पार्टी विषेश निहोक नागरीक समाजके रुपम स्थापना हुइलक संस्था हो । स्वच्छ ओ पारर्दर्शी रुपम थारुन्हक अधिकार स्थापित करकलाग आवाज उठैटी यी संस्थाहुक्र आइल बाट । खै ट थारुन्हक विकास ओ अधिकार प्राप्तीक बात ? कहाँ बा थारुन्हक सहभागीता मुलधार म ओ नीति निर्माण प्रकृया म ? हम्र सक्कुजन्ह आपनह अप्नेह प्रश्न कर्ना अवस्था बा ।

राज्यके निर्देशक सिद्धान्त संविधानके धारा ५१.च.३ म “विकास निर्माणके प्रक्रियामा स्थानीय जनसहभागिता अभिवृद्धि कर्ना” कना संवैधानिक अधिकार देल बा, टफे कानुन बनैना ठाउँ म हम्र थारु पुग निस्याकल हुइटी । अक्खन तिन तहके सरकार आपन–आपन कानुन बनैटी बाट । यी व्याला म थारुन्हक सहभागिता हुई निसेकी कलसे कानुन ओ निति म थारुन्हक हक अधिकारके बाट ग्यारेन्टी हुई निसेकी । कानुन कसिक बनैना ओ निति निर्माण कसिक कर्ना कना बात नेपालके संविधान ओ स्थानिय सरकार शासन सञ्चालन ऐन २०७४ म फे उल्लेख बा । उह अनुरुप स्थानिय सरकारहुक्र निति निर्माण कर्टी बाट । यदि थारुन्हक सहभागिता विना कानुन ओ निति बनी कलसे थारुहुक्र फे दोस्र पाछ परसेक्ना अवस्था आइसेकी । उहओर्से थारु जनप्रतिनिधि, बुद्धिजिवि लगायत सम्रग नागरीक समाजहुक्र यी विषय म सचेत हुइपर्ना ओ चासो ढरपर्ना जरुरी बा । नागरीक समाजके रुपम थारुकल्याण कारीणी सभा लगायतके थारु नागरीक समाज संघसंस्थाहुक्र स्थानिय, प्रदेश ओ संघिय सरकारसे समन्वय कैख निति निर्माण करबेर सहभागिता जनाईपर्ना आझुक आवश्यकता हो । ३ तहके सरकार फे थारुहुकन कौनो फे हालत म वेवास्ता निकैख सहभागिता सुनिशिच्त कराईपर्ना जरुरी बा ।

अक्खन स्थानिय सरकार संघिय लोकतान्त्रिक, गणतन्त्रात्मक शासन व्यवस्थाके शासकीय अंगको रुपम रहल बा । ओस्टक तिन्यौ तहके अधिकारक बात बटोइना हो कलसे संविधानम उल्लेख हुइल अनुसार कार्यकारिणी, व्यवस्थापकीय र न्यायिक अधिकार हुईपर्ना; मौलिक हक, राज्यका निर्देशक सिद्दान्त ओ नीतिम उल्लेखित नागरिकक हक अधिकार, मुलुकके विकास ओ अग्रगति दिह लिहपर्ना आधारभूत मार्गदर्शन राज्यक ३ ठो जो तहह समान रूपम लागु हुइना; समावेशिता, सूचनाके प्रबाह, सामाजिक सुरक्षा, जनसहभागिता ओ उपभोक्ता हित, प्रकोप व्यवस्थापन ओ वातावरण संरक्षण ओ कमजोर वर्गके उत्थानम सक्कु तहके सरकारके समान जिम्मेवारी रहना; विषय ढैगिल बा ।

ओस्टक संविधानक अनुसुचि ८ बमोजिम स्थानिय तहह २२ ठो अधिकार डेगिल बा । उ अधिकार कानून बनैना ओ कार्यान्वयन कर्ना; योजना ओ बजेट बनैना ओ याकर कार्यान्वयन कर्ना; सेवाप्रवाह कर्ना; राजस्व संकलन कर्ना; आन्तरिक स्रोतसे ऋण लेना;सार्वजनिक खर्च प्रणाली अनुसार खर्च कर्ना; विकास ओ प्रशासन सञ्चालन कर्ना; न्यायिक अधिकारके प्रयोग कर्ना; सार्वजनिक जवाफदेहिता निर्वाह कर्ना; गाउँ सभा ओ नगरसभा आपनअधिकार क्षेत्रक विषयम ऐन बनाई सेक्ना; कार्यपालिका आपन अधिकार क्षेत्र भित्रक विषय मनियम, निर्देशिका, कार्यविधि ओ मापदण्ड बनाई सेक्ना; बनैलक कानून स्थानीय राजपत्रम प्रकाशन कर्ना; स्थानीय कानून प्रदेश सरकार ओ नेपाल सरकारम पठैना;कानून प्रकाशन (राजपत्र) निहुइलसे असिन कानून लागुकर्ना आदि रहल बा ।

असिन मेह्रिक अधिकार रहल ब्याला तिन तहक सरकार नागरिक सहभागिताम जोड डिहपर्ठा । उह सहभागिता श्रोतक पहुँच ओ नीति निर्माण प्रकृयाम हो । ओस्टक अक्खन नागरीकहुकन्हक सहभागिता ह ध्यानम ढैक अक्खनके स्थानिय सरकार योजना निर्माण प्रक्रियाह प्रभावकारी बनाईपर्ना जरुरी बा । जन्तन्हक आनल, जन्तन्हक उठाईल मुद्दाह सम्बोधन करकलाग जनप्रतिनिधिहुक्रँ वार्षिक नीति ओ कार्यक्रमम समावेश करपर्ना जरुरी बा । ओस्टक स्थानिय सरकारक बजेटह प्रभावकारी बनाइकटे हर ठाउँम नागरीक, नागरीक संस्था, समुदाय, व्यक्ति लगायत नीजि क्षेत्रह समावेश कैख आघ बह्रलसे जन्तन्हक इच्छा, आकांक्षा पुरा हुईना सम्भावना ढेर बा ।

उहमार संविधानसे डिहल अधिकार ह प्रभावकारी रुपम उपयोग कैख कार्यान्वयन करकलाग स्थानियतह नागरीक समाजह सहभागितात्मक हिसाबले समावेश कराईपर्ना जरुरी बा । राज्य, नागरीक समाज ओ नीजि क्षेत्रक सुन्तुलनह मिलैटी जिम्मेवार, पार्दर्शी ओ जवाफदेही स्थानिय सरकार बनाईपर्ना आझुक आवश्यकता हो । राज्यक हरेक श्रोत ओ कानुन, नितिनिर्माण प्रकृया म थारुन्हक फे उल्लेख्य सहभागिता अक्खनके आवश्यकता हो ।

अग्रासन खबर

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